रायपुर, 31 मई 2025 — छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) और कोयला घोटाले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। इस घोटाले में गिरफ्तार किए गए छह प्रमुख आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से आज सशर्त अंतरिम जमानत मिल गई है। इसके बाद सौम्या चौरसिया, निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू और समीर बिश्नोई समेत सभी आरोपियों को रायपुर केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया।
करीब दो साल से जेल में बंद इन आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने यह राहत दी है, लेकिन साथ ही एक सख्त शर्त भी लगाई है — सभी आरोपी अब छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर रहेंगे। कोर्ट ने यह फैसला मामले की निष्पक्ष जांच और अभियोजन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप को रोकने के उद्देश्य से दिया है।
डीएमएफ और कोयला घोटाला राज्य के प्रशासनिक इतिहास का एक बड़ा मामला रहा है, जिसमें खनन से जुड़ी भारी वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। ईडी और अन्य जांच एजेंसियों ने इस मामले में करोड़ों रुपये के लेनदेन, फर्जी दस्तावेज और राजनीतिक-सांठगांठ के साक्ष्य पेश किए थे।
आरोपियों की रिहाई को लेकर राज्य की राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई तय समय पर होगी, तब तक सभी रिहा आरोपी कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य होंगे।
यह मामला अब भी न्यायिक प्रक्रिया के अधीन है, और आगे की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।