बीजापुर, छत्तीसगढ़:
बीजापुर नगर पालिका द्वारा शहर के प्रमुख महादेव तालाब के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण का कार्य भले ही चालू है, लेकिन इस परियोजना में भारी अनियमितताओं का आरोप अब सामने आ रहा है। तालाब की मरम्मत और सौंदर्यीकरण में लगे ठेकेदार पर घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग करने और सरकारी धन का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि लाखों रुपये की लागत से तालाब का कायाकल्प किया जा रहा है, लेकिन मौके पर जो कार्य हो रहा है वह गुणवत्ता से कोसों दूर है। कई स्थानों पर दीवारें पहले ही दरकने लगी हैं और नाली की सफाई अधूरी है।
जनता में आक्रोश
शहर के लोग इस घोटाले से बेहद नाराज़ हैं। उनका कहना है कि जनता के टैक्स से जुटाए गए पैसे का इस तरह दुरुपयोग शर्मनाक है। कई सामाजिक संगठनों ने इसकी जांच की मांग की है और नगर पालिका से जवाबदेही तय करने की बात कही है।
जांच की उठी मांग
स्थानीय पार्षदों और नागरिक संगठनों ने नगर पालिका अध्यक्ष से मांग की है कि ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाए और कार्य की गुणवत्ता की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए। इस परियोजना को लेकर पारदर्शिता की भी मांग की जा रही है।
पूर्व में भी लग चुके हैं आरोप
यह पहला मौका नहीं है जब नगर पालिका बीजापुर में इस तरह के आरोप लगे हैं। पूर्व में भी अन्य निर्माण कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आते रहे हैं। महादेव तालाब परियोजना ने एक बार फिर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।