बीजापुर की पहाड़ियों में सुरक्षाबलों की निर्णायक कार्रवाई: हिड़मा-देवा-विकास जैसे शीर्ष नक्सली घेरे में, माओवादियों ने मांगी शांति वार्ता की गुहार
बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कर्रेगट्टा की पहाड़ियों में पिछले 85 घंटों से सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जारी मुठभेड़ अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। सुरक्षाबलों ने पहाड़ियों को चारों ओर से घेर लिया है और विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, इस घेरे में नक्सली संगठन के शीर्ष कमांडर हिड़मा, देवा और विकास जैसे खतरनाक माओवादी नेता फंसे हुए हैं।
इस ऐतिहासिक ऑपरेशन को CRPF, DRG और STF की संयुक्त टीम अंजाम दे रही है। जवानों ने रणनीतिक तरीके से पहाड़ी इलाकों में धीरे-धीरे घेराबंदी करते हुए नक्सलियों की भागने की हर कोशिश को नाकाम कर दिया है। ऑपरेशन को लेकर गृह मंत्रालय भी सतर्क है और लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
🔹 नक्सलियों ने दिखाई बातचीत की मंशा
घेराबंदी के बीच चौंकाने वाली बात यह रही कि नक्सली संगठन की ओर से एक संदेश जारी कर सरकार से शांति वार्ता की अपील की गई है। यह दर्शाता है कि सुरक्षा बलों की रणनीति और दबाव ने नक्सली संगठन को झुकने पर मजबूर कर दिया है। हालांकि, सरकार की ओर से इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
🔹 हिड़मा की गिरफ्तारी या ढेर होना तय करेगा माओवादियों का भविष्य
हिड़मा, जिसे देश के सबसे खूंखार नक्सली कमांडरों में से एक माना जाता है, अगर इस ऑपरेशन में पकड़ा जाता है या मारा जाता है, तो यह माओवादियों के लिए सबसे बड़ा झटका होगा। इसके अलावा देवा और विकास भी सुरक्षा बलों की हिट लिस्ट में हैं और इनकी गतिविधियां लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर थीं।
🔹 स्थानीय ग्रामीणों को किया गया अलर्ट
सुरक्षा बलों ने आस-पास के गांवों को अलर्ट मोड पर रखा है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने को कहा गया है। ग्रामीणों की मदद से इलाके की घेराबंदी और मजबूत की गई है।
🔹 मुख्यमंत्री ने दी प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ऑपरेशन की सराहना करते हुए कहा, “यह माओवादी हिंसा को खत्म करने की दिशा में एक निर्णायक लड़ाई है। जवानों का मनोबल और रणनीति माओवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई को नई दिशा दे रही है।”
इस पूरे घटनाक्रम पर अब पूरे देश की नजरें टिकी हैं। आने वाले 24 घंटे माओवादी आंदोलन और सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से बेहद अहम माने जा रहे हैं।