रायपुर |
छत्तीसगढ़ में वक्फ संशोधन बिल को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मुद्दे को लेकर प्रदेश में 1 से 10 मई तक जनजागरण अभियान चलाने का ऐलान किया है। पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि भाजपा इस दौरान प्रदेशभर में कार्यक्रम आयोजित कर मुस्लिम समाज के बीच जाकर संवाद स्थापित करेगी और वक्फ कानून से जुड़े तथ्यों को जनता के सामने रखेगी।
मुस्लिम समाज के बीच सीधा संवाद
किरण सिंहदेव ने कहा कि पार्टी का उद्देश्य समाज में वक्फ कानून को लेकर फैले भ्रम को दूर करना और तथ्यों के आधार पर जागरूकता फैलाना है। उन्होंने कहा कि यह अभियान किसी धर्म के विरोध में नहीं, बल्कि पारदर्शिता और समान अधिकारों की दिशा में एक प्रयास है।
“भाजपा कार्यकर्ता मुस्लिम समाज के बीच जाकर वक्फ संशोधन बिल के बारे में बताएंगे। हमारा उद्देश्य विवाद नहीं, संवाद है।” – किरण सिंहदेव
केंद्रीय नेताओं की मौजूदगी
भाजपा के इस अभियान में कई केंद्रीय नेताओं और वरिष्ठ पदाधिकारियों की भी भागीदारी रहेगी। अभियान की शुरुआत 1 मई को रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में होने वाली कार्यशाला से होगी। इस कार्यशाला में पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, राज्य सरकार के मंत्री, सांसद और विधायक शामिल होंगे।
कार्यक्रम की पृष्ठभूमि
यह कार्यशाला पहले 25 अप्रैल को प्रस्तावित थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अब इसे पुनः निर्धारित कर प्रदेश भर में जनजागरण की शुरुआत के रूप में आयोजित किया जा रहा है।
क्या है भाजपा का एजेंडा?
बीजेपी का मानना है कि वक्फ कानून का दुरुपयोग हो रहा है और इससे आम नागरिकों, खासकर गैर-मुस्लिमों की जमीनों पर विवाद बढ़े हैं। पार्टी का कहना है कि इस कानून को लेकर समाज के सभी वर्गों को सच्चाई जानने का अधिकार है।
निष्कर्ष:
भाजपा का यह जनजागरण अभियान छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नई बहस की शुरुआत कर सकता है। पार्टी ने वक्फ संशोधन बिल को जनता के बीच ले जाकर धार्मिक सौहार्द के साथ राजनीतिक रणनीति को मिलाने की कोशिश की है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य दल इस पर क्या रुख अपनाते हैं।