जांजगीर-चांपा,छत्तीसगढ़ | जांजगीर-चांपा जिले में एक नाबालिग बच्ची के अपहरण, बलात्कार और निर्मम हत्या के सनसनीखेज मामले में कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) अनिल कुमार बारा ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए इसे समाज के लिए अत्यंत गंभीर अपराध बताया है।
यह घटना 30 जून 2022 को शिवरीनारायण थाना अंतर्गत खरौद गांव की है, जहां एक नाबालिग बच्ची दुकान से बिस्किट लेने के बाद लापता हो गई थी। परिजनों ने अगले दिन यानी 29 जून को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
करीब दो सप्ताह बाद, 14 जुलाई को गांव के तालाब के पास झाड़ियों में एक नरकंकाल मिला। डीएनए जांच में यह पुष्टि हुई कि कंकाल उसी लापता बच्ची का था।
पुलिस जांच में तालाब किनारे रहने वाले परदेशी लाल पंकज पर शक हुआ और जब उसके घर की तलाशी ली गई, तो बच्ची के कपड़े और अन्य सामान बरामद हुए। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज किया।
मामला अदालत में पेश किया गया, जहां न्यायाधीश ने इसे जघन्य और अमानवीय अपराध करार देते हुए आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई।