रायपुर/कांकेर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (CGBSE) की 10वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जारी किए। इस साल 10वीं कक्षा की टॉपर बनी कांकेर की इशिका बाला ने राज्यभर में नाम रोशन किया, लेकिन जैसे ही उनके बारे में एक खास जानकारी सामने आई, पूरे प्रदेश की आंखें नम हो गईं।
दरअसल, इशिका बाला ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं, और इसी बीमारी के बीच उन्होंने कठिन संघर्ष करते हुए बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया। उनकी यह उपलब्धि केवल एक शैक्षणिक सफलता नहीं, बल्कि अदम्य साहस, आत्मबल और दृढ़ इच्छाशक्ति की मिसाल बन गई है।
बीमारी के बीच भी नहीं टूटी हिम्मत
पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, इशिका का इलाज चल रहा है और वे कीमोथेरेपी जैसी कठिन प्रक्रियाओं से गुजर चुकी हैं। लेकिन इन सबके बावजूद उन्होंने पढ़ाई में कभी समझौता नहीं किया। परीक्षा की तैयारी अस्पताल और घर के बीच ही होती रही।
मुख्यमंत्री ने की सराहना
परिणाम जारी करने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इशिका को फोन कर बधाई दी और कहा:
“इशिका बाला छत्तीसगढ़ की बेटियों के लिए प्रेरणा हैं। उनका हौसला पूरे देश के लिए एक उदाहरण है। सरकार हर संभव सहायता उनके इलाज और पढ़ाई में करेगी।”
प्रदेशभर से मिल रही शुभकामनाएं
इशिका की इस संघर्षपूर्ण सफलता की खबर सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ‘छत्तीसगढ़ की रियल हीरोइन’ बता रहे हैं। शिक्षकों, छात्रों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने भी उनके साहस को सलाम किया है।
परिवार की अपील
इशिका के परिवार ने सभी से उनकी सेहत के लिए दुआ करने की अपील की है और बताया कि उनकी बेटी का सपना डॉक्टर बनने का है, ताकि वह दूसरों की मदद कर सके।
यह सिर्फ परीक्षा में टॉप करने की खबर नहीं, यह इंसानी जज़्बे की कहानी है — जहां ज़िंदगी से लड़ती एक बेटी, पूरे प्रदेश को जीने की नई राह दिखा रही है।