रायपुर, छत्तीसगढ़:
राजधानी रायपुर स्थित अंबेडकर अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं और मरीजों को हो रही दिक्कतों को लेकर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार के सचिव से जवाब मांगा था। लेकिन सरकार समय पर अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष पेश नहीं कर पाई।
सरकार तैयार नहीं, महाधिवक्ता ने मांगा समय
मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से महाधिवक्ता उपस्थित हुए और कोर्ट से अतिरिक्त समय देने की मांग की। उन्होंने दलील दी कि मामले की तैयारी और जवाब तैयार करने में अभी समय लगेगा। इसे स्वीकार करते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की बेंच ने कुछ और समय प्रदान कर दिया।
मरीजों की हालत गंभीर, सुविधाएं लचर
अंबेडकर अस्पताल को राजधानी का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल माना जाता है, लेकिन यहां मरीजों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं। कई बार साफ-सफाई, दवाओं की कमी, स्टाफ की अनुपलब्धता और इलाज में लापरवाही की खबरें सामने आती रही हैं।
हाई कोर्ट की निगरानी में मामला
अब यह मामला हाई कोर्ट की निगरानी में आ चुका है और आने वाले समय में सरकार से विस्तृत जवाब मांगा जाएगा। कोर्ट का यह हस्तक्षेप स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।