टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा कसडोल शहर में पकड़ा गया बाघ, सीएम साय ने फॉरेस्ट विभाग को दी बधाई

बलौदाबाजार: कसडोल शहर के पास एक बाघ को वन विभाग ने सफलतापूर्वक पकड़ लिया। बाघ कसडोल शहर से लगे ग्राम कोट में एक धान के पैरे के ढेर में छिपा हुआ था, जिसे वन विभाग की टीम ने ट्रैक्यूलाइज करके काबू कर लिया। ट्रैक्यूलाइज करने के बाद बाघ कुछ देर तक होश में रहा, फिर पेट्रोल पंप के पास भाग गया, लेकिन जल्दी ही वह बेहोश हो गया और टीम ने उसे पूरी तरह से काबू कर लिया।

बारनवापारा अभयारण्य से बाहर पहुंचा बाघ
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह बाघ बारनवापारा अभयारण्य के कोर एरिया से बाहर निकल गया था। यह बाघ करीब आठ महीने से बारनवापारा क्षेत्र में था, और विभाग ने इसे कोर एरिया के भीतर रखने के लिए प्रयास किए थे। जब बाघ के कोर एरिया से बाहर जाने की खबर मिली, तो वन विभाग ने तुरंत सक्रिय होकर बाघ को काबू कर लिया। अब बाघ को किसी सुरक्षित टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा।

रेडियो कॉलर से बाघ पर नजर
वन विभाग ने बाघ को ट्रैक करने के लिए रेडियो कॉलर लगा दिया है, जिससे उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी। साथ ही, बाघ के खून का नमूना भी लिया गया, और यह पाया गया कि बाघ पूरी तरह से स्वस्थ है।

सीएम साय ने दी वन विभाग की टीम को बधाई
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बाघ के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए वन विभाग की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बाघों के संरक्षण के लिए गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व की स्थापना से राज्य को एक नया टाइगर रिजर्व मिल गया है। यह टाइगर रिजर्व देश के प्रमुख टाइगर रिजर्व में शुमार होगा, जो बाघों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

बाघों के संरक्षण और संवर्धन में बड़ा कदम
गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व, आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बन गया है। इस टाइगर रिजर्व के माध्यम से बाघों को उनका नैतिक परिवेश मिलेगा, जिससे उनका संरक्षण और संवर्धन बेहतर तरीके से किया जा सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *