बीजापुर. में माओवादियों के खिलाफ सुरक्षाकर्मियों ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पिछले चार दशकों से बस्तर में माओवादियों का आतंक जारी है, लेकिन 2024 में सुरक्षाबलों को कुछ महत्वपूर्ण सफलताएँ मिली थीं। हालाँकि, 2025 की शुरुआत में जवानों के लिए एक दुखद घटना घटी, जब 6 जनवरी को कुटरू के जंगल में माओवादियों ने एक बड़ा आईईडी ब्लास्ट किया, जिसमें 8 जवान और एक ड्राइवर शहीद हो गए।
इस घटना के बाद, सुरक्षाकर्मियों ने माओवादियों को एक बड़ा जवाब देने का निर्णय लिया। हाल ही में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 17 नक्सलियों को मार गिराया है, जिसमें से 12 के शव बरामद कर लिए गए हैं। इस मुठभेड़ में DRG का एक जवान भी घायल हुआ है।
मुठभेड़ का स्थान और ऑपरेशन की जानकारी
मुठभेड़ पुजारी कांकेर और मारुडबाका के जंगलों में हुई। इस ऑपरेशन में कुल 1100 जवान तैनात थे, जिसमें बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा के DRG के जवान शामिल थे। इसके अलावा, कोबारा बटालियन के CRPF जवानों ने भी इस अभियान में सहयोग किया।
यह मुठभेड़ तेलंगाना राज्य की सीमा के निकट हुई, जहाँ बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर तीन जिलों के नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने एक बड़ा ऑपरेशन चलाया। गुरुवार को सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी, और सुबह करीब नौ बजे गोलीबारी शुरू हो गई।
आधिकारिक पुष्टि का इंतजार
हालांकि, मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या और बरामद शवों की आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है। सुरक्षाबलों की यह कार्रवाई माओवादियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पिछले हमले का बदला लेने के लिए की गई है।
इस प्रकार, सुरक्षाकर्मियों ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वे माओवादियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखेंगे और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।