बालोद : छत्तीसगढ़ में रेत माफियाओं की दबंगई थमने का नाम नहीं ले रही है। बलरामपुर में हाल ही में एक आरक्षक की हत्या की वारदात से प्रदेश अभी उबरा भी नहीं था कि अब बालोद जिले में रेत माफियाओं ने एक बार फिर अपनी दहशत का नया चेहरा दिखाया है।
मामला बुधवार शाम का है जब बालोद जिले के एक गांव में अवैध रेत भंडारण की सूचना पर पटवारी मौके पर जांच करने पहुंचे थे। उसी दौरान एक स्थानीय पत्रकार भी इस कार्रवाई की कवरेज के लिए वहां मौजूद था। इसी दौरान वहां मौजूद रेत माफियाओं ने दोनों पर हमला कर दिया। हमले में पटवारी और पत्रकार को गंभीर चोटें आई हैं। बताया जा रहा है कि हमलावरों ने सरकारी दस्तावेज फाड़ दिए और कैमरा तोड़ने की भी कोशिश की।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह इलाका लंबे समय से अवैध रेत खनन का गढ़ बना हुआ है, और प्रशासनिक कार्रवाई के बावजूद माफिया बेखौफ होकर अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं। घटनास्थल पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। घायल पटवारी और पत्रकार को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बालोद के एसपी ने बताया कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं, पत्रकार संगठनों और प्रशासनिक अधिकारियों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। उन्होंने सरकार से रेत माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इस घटना ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ में अवैध रेत खनन के बढ़ते प्रभाव और उससे जुड़ी प्रशासनिक चुनौतियों को उजागर कर दिया है।