शराब घोटाला मामले में ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश को गिरफ्तार किया…

रायपुर: छत्तीसगढ़ के 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा को तीसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया। पूछताछ के बाद, ED ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। अब जल्द ही उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।

इससे पहले, 28 दिसंबर को ED ने कवासी लखमा और उनके बेटे के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें नगद लेनदेन के सबूत मिलने की जानकारी दी गई थी। 3 जनवरी को दोनों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था।

छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला क्या है? दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को आयकर विभाग ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और सौम्या चौरसिया के खिलाफ याचिका दायर की थी। इसमें बताया गया था कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत और अवैध दलाली का खेल चल रहा है। महापौर ऐजाज ढेबर का भाई अनवर ढेबर भी इस अवैध वसूली के खेल में शामिल था। इसके बाद, ED ने 18 नवंबर, 2022 को PMLA अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। अब तक मामले में 2161 करोड़ के घोटाले का जिक्र चार्जशीट में किया गया है।

ED की चार्जशीट के अनुसार, 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के जरिए शराब बेचने का प्रावधान किया गया। 2019 के बाद, अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त किया, जिसके बाद अधिकारियों, कारोबारियों और राजनीतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के जरिए भ्रष्टाचार किया गया। आरोप है कि अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी के सिंडिकेट ने नकली होलोग्राम लगाकर अवैध तरीके से शराब की बिक्री की, जिससे राज्य के राजस्व को बड़ा नुकसान हुआ।

इस मामले में आगे की कार्रवाई और जांच जारी है, और ED ने इस घोटाले के सभी पहलुओं की गहराई से जांच करने का आश्वासन दिया है।

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