बीजापुर, 12 मई: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले और तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में हाल ही में हुई नक्सल विरोधी मुठभेड़ में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। इस मुठभेड़ में अब तक 20 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। सुरक्षाबलों द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, इनमें से 20 शवों की पहचान की जा रही है, जिनमें से 11 नक्सलियों की पहचान कर उनके शवों को पोस्टमार्टम और अन्य कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।
अभी बाकी बचे शवों की पहचान का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। अधिकारियों का कहना है कि पहचान पूरी होने के बाद अन्य शवों को भी उनके परिवारों को सुपुर्द किया जाएगा।
मुठभेड़ के दौरान भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक सामग्री और दैनिक उपयोग की चीजें भी बरामद की गई हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि माओवादी किसी बड़ी साजिश की योजना बना रहे थे।
इस अभियान को सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस और तेलंगाना ग्रेहाउंड्स की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया था। सुरक्षा बलों की इस बड़ी कार्रवाई के बाद माओवादी संगठन को गहरा झटका लगा है।
इधर, इस मुठभेड़ को लेकर राज्य में राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। विपक्ष ने सरकार से यह सवाल उठाया है कि अगर माओवादी इतने संगठित रूप में सक्रिय थे, तो इसकी खुफिया जानकारी पहले क्यों नहीं मिली। वहीं, सत्तारूढ़ दल ने सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई को नक्सलवाद के खिलाफ मजबूत कदम बताते हुए उनकी प्रशंसा की है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मुठभेड़ में भाग लेने वाले जवानों को बधाई दी है और इसे “नक्सल उन्मूलन की दिशा में बड़ी उपलब्धि” बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार नक्सलवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है और आने वाले समय में ऐसे अभियान और तेज किए जाएंगे।
इस घटना के बाद बीजापुर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। ड्रोन से निगरानी, जंगल क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन और सीमावर्ती इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।