बस्तर (छत्तीसगढ़)।
बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक जंग अपने चरम पर पहुंच गई है। कर्रेगट्टा की पहाड़ियों में फंसे नक्सलियों की एक बड़ी सूची हाथ लगी है, जिसमें नक्सली लीडर हिड़मा, दामोदर, बल्ली प्रकाश समेत कई बड़े नाम शामिल हैं। इस समय सुरक्षा बलों ने इन दुर्दांत नक्सलियों को चारों ओर से घेर रखा है और ऑपरेशन लगातार जारी है।
सरकार ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि 31 मार्च 2026 तक बस्तर सहित पूरे देश से नक्सलवाद को जड़ से खत्म कर दिया जाएगा। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सुरक्षाबलों ने अपने अभियान की रफ्तार और आक्रामकता दोनों बढ़ा दी हैं। लगातार चल रहे ऑपरेशनों में जवानों को महत्वपूर्ण सफलताएं भी मिल रही हैं और नक्सलियों का मनोबल टूटता नजर आ रहा है।
इस बीच, नक्सलियों की ओर से शांति वार्ता का प्रस्ताव भी सामने आया था। उत्तर-दक्षिण सबजोनल कमेटी के प्रमुख रूपेश ने एक पत्र जारी कर सरकार से एक महीने का समय मांगा था ताकि वे वार्ता के लिए माहौल तैयार कर सकें। हालांकि, सरकार ने इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए साफ संदेश दे दिया कि नक्सलवाद के खात्मे के मिशन में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, खुफिया इनपुट्स से पता चला कि कर्रेगट्टा की पहाड़ियों पर बड़ी संख्या में नक्सली कमांडर एकत्र हो रहे थे, जिसके बाद एक सुनियोजित रणनीति के तहत जवानों ने इलाके को चारों तरफ से घेर लिया। अब नक्सलियों के पास या तो आत्मसमर्पण करने का विकल्प बचा है या फिर मुठभेड़ में अपने प्राण गंवाने का।
बस्तर और तेलंगाना सीमा पर चल रहे इस व्यापक अभियान में ड्रोन, सैटेलाइट इमेजरी और अत्याधुनिक हथियारों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि किसी भी हाल में नक्सलियों को भागने का मौका न मिल सके।
यह लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है और आने वाले दिनों में बस्तर से नक्सलवाद के खात्मे को लेकर बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं।