रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रात नौ बजे छत्तीसगढ़ भवन से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निवास के लिए रवाना हुए। साढ़े नौ बजे शुरू हुई उनकी मुलाकात एक घंटे से अधिक समय तक चली। इस बैठक में छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार पर गंभीर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है।
वर्तमान में छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री समेत 11 मंत्री हैं, जबकि आमतौर पर मंत्रिमंडल में 13 सदस्यों की परंपरा रही है। हालाँकि, हरियाणा की तर्ज पर यहां भी 14 मंत्रियों की गुंजाइश तलाश की जा रही है। हरियाणा में भी 90 विधायक हैं, जो छत्तीसगढ़ के समान हैं।
मंत्रिमंडल की संख्या में बदलाव
छत्तीसगढ़ जब नया राज्य बना था, तब पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी और बाद में डॉ. रमन सिंह के मंत्रिमंडल में 17 से 18 मंत्री होते थे। लेकिन 2003 में केंद्र सरकार द्वारा संविधान में संशोधन के बाद, बड़े राज्यों के लिए विधायकों की संख्या का 10% और छोटे राज्यों के लिए 15% मंत्रियों की संख्या तय की गई। इसके बाद से छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल को 13 सदस्यों तक सीमित कर दिया गया है।
हालांकि, जानकारों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में 14 मंत्री हो सकते हैं। वर्तमान में साय मंत्रिमंडल में एक पद पहले से ही खाली है, क्योंकि बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद उनका पद भी खाली हो गया है।
संभावित मंत्रियों की सूची
यदि प्रदेश सरकार में मंत्रियों की संख्या 14 की जाती है, तो रायपुर, बिलासपुर और बस्तर संभाग से एक-एक विधायक को मौका मिल सकता है।
- बिलासपुर: अमर अग्रवाल और धरमलाल कौशिक के नाम चर्चा में हैं।
- बस्तर: भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष किरण देव और विक्रम उसेंडी के नाम सामने आ रहे हैं। लता उसेंडी का नाम पहले दावेदारों में था, लेकिन उन्हें बस्तर विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बना दिया गया है, जिससे उनकी मंत्री बनने की संभावना कम हो गई है।
- रायपुर: पूर्व मंत्री राजेश मूणत, कुरुद के विधायक अजय चंद्राकर और रायपुर दक्षिण से उपचुनाव जीतने वाले सुनील सोनी के नाम भी चर्चा में हैं।
हालांकि, पार्टी किसी अन्य विधायक को भी मौका दे सकती है। मंत्रियों की नियुक्ति का अंतिम निर्णय दिल्ली में लिया जाएगा।