April 29, 2025
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देश के खुफिया प्रमुख तपन डेका छत्तीसगढ़ पहुंचे, बीजापुर के कुर्रेगुटा में देश का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन जारी

देश के खुफिया एजेंसी (IB) के प्रमुख तपन डेक आज छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं। उनका यह दौरा ऐसे समय में हुआ है, जब एक ओर देशभर में संभावित आतंकी हमलों को लेकर अलर्ट जारी किया गया है, और दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में देश के अब तक के सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है।

कुर्रेगुटा में ऑपरेशन का आठवां दिन

बीजापुर जिले के दुर्गम कुर्रेगुटा पहाड़ी क्षेत्र में पिछले 8 दिनों से सुरक्षाबलों का बड़ा अभियान जारी है। इस ऑपरेशन में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना के सुरक्षाबलों की संयुक्त कार्रवाई हो रही है। अनुमान है कि इस घने जंगल और पहाड़ी इलाके में करीब 1500 नक्सली छिपे हुए हैं, जिन्हें करीब 10,000 से अधिक जवानों ने चारों ओर से घेर लिया है।

सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन पूरी तरह से रणनीतिक तरीके से चलाया जा रहा है और इसमें सीआरपीएफ, डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा कमांडो और राज्य पुलिस की टीमों की भूमिका महत्वपूर्ण है। अभियान को ऊंचाई वाले इलाकों में ड्रोन, उपग्रह निगरानी और रात्रि दृष्टि उपकरणों की मदद से संचालित किया जा रहा है।

खुफिया प्रमुख की छत्तीसगढ़ यात्रा के मायने

तपन डेका की छत्तीसगढ़ यात्रा को बेहद संवेदनशील और रणनीतिक माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि उन्होंने रायपुर पहुंचने के बाद शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों और राज्य पुलिस के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में ऑपरेशन की मौजूदा स्थिति, संभावित खतरों और केंद्र-राज्य के समन्वय पर चर्चा हुई।

यह दौरा इस संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि केंद्र सरकार इस ऑपरेशन को लेकर गंभीरता से नजर बनाए हुए है और भविष्य की रणनीतियों को मजबूत करने के लिए इनपुट जुटाए जा रहे हैं।

ऑपरेशन का उद्देश्य

यह ऑपरेशन सिर्फ सुरक्षा बलों की बड़ी सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य बीजापुर और आसपास के नक्सल प्रभावित इलाकों को स्थायी रूप से सुरक्षित बनाना और नक्सल नेटवर्क को जड़ से उखाड़ना है। पिछले कुछ समय में सुरक्षा बलों को कई महत्वपूर्ण कामयाबियां मिली हैं, जिसमें नक्सलियों के हथियारों के जखीरे, बंकर और ठिकानों को ध्वस्त किया गया है।

सुरक्षा एजेंसियों की पूरी नजर

देशभर में आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए इस ऑपरेशन को और भी संवेदनशीलता और गोपनीयता के साथ अंजाम दिया जा रहा है। खुफिया एजेंसियां पूरे ऑपरेशन की पल-पल की जानकारी ले रही हैं। किसी भी बाहरी हस्तक्षेप या आतंकी गतिविधि की आशंका को ध्यान में रखते हुए पूरी रणनीति को तैयार किया गया है।


निष्कर्ष:
कुर्रेगुटा का यह ऑपरेशन न सिर्फ नक्सलवाद के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में सबसे बड़े सुरक्षा अभियानों में से एक बन गया है। तपन डेका की मौजूदगी यह संकेत देती है कि आने वाले दिनों में राज्य और केंद्र मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए निर्णायक कदम उठाने को तैयार हैं