रायपुर/दंतेवाड़ा।
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की गंभीर लापरवाही सामने आई है।
सूत्रों के मुताबिक, मामले में निलंबित DFO अशोक पटेल को दंतेवाड़ा विशेष न्यायालय में पेश किया जाना था, लेकिन EOW ने उसे रायपुर की विशेष कोर्ट में पेश कर दो बार रिमांड पर ले लिया। यह प्रक्रिया नियमों के विरुद्ध थी, जिस पर रायपुर कोर्ट ने EOW और ACB अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है।
कोर्ट की सख्ती के बाद, अशोक पटेल को नियमानुसार दंतेवाड़ा लाया गया और वहां की विशेष अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने पटेल को 9 मई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए हैं।
बता दें कि अशोक पटेल पर तेंदूपत्ता बोनस वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और वित्तीय घोटाले के आरोप हैं, जिसमें कई करोड़ रुपये के गबन की आशंका जताई जा रही है।
इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दर्शाता है कि हाई-प्रोफाइल मामलों में प्रक्रियात्मक पारदर्शिता और न्यायिक आदेशों का पालन कितना जरूरी है।