नई दिल्ली।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने देशभर में जातिगत जनगणना के मुद्दे को जोर-शोर से उठाने का निर्णय लिया है। पार्टी ने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक निर्णायक कदम बताते हुए सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों (PCCs) को इस मुद्दे पर सुनियोजित और चरणबद्ध अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी किए गए सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि कांग्रेस पार्टी अब इस विषय को केवल नीतिगत बहस तक सीमित नहीं रखेगी, बल्कि जनता के बीच जाकर इसे जनआंदोलन का रूप देगी।
सर्कुलर में PCCs को कहा गया है कि वे ज़मीनी स्तर पर सक्रिय अभियान चलाएं, जिसमें पंचायत, वार्ड और जिला स्तर तक पहुंच बनाई जाए। साथ ही, सोशल मीडिया पर भी एक समन्वित रणनीति अपनाकर व्यापक जन-जागरूकता फैलाई जाए। इसके तहत जनसभाएं, प्रेस वार्ताएं, हस्ताक्षर अभियान, डिजिटल कैम्पेन और जनता संवाद कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।
कांग्रेस का तर्क है कि जातिगत जनगणना से देश की सामाजिक सच्चाई सामने आएगी और इससे समाज के वंचित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों को योजनाओं का सही लाभ मिल सकेगा। पार्टी नेतृत्व का आरोप है कि केंद्र सरकार इस अहम मुद्दे से कन्नी काट रही है, जबकि यह कदम सामाजिक समानता और नीति निर्धारण के लिहाज से बेहद जरूरी है।
AICC ने सभी राज्यों को इस मुद्दे को प्रमुख राजनीतिक एजेंडे के रूप में उठाने, राज्य सरकारों पर दबाव बनाने और जनता को इस मुहिम से जोड़ने को कहा है। माना जा रहा है कि कांग्रेस इस अभियान को आगामी चुनावी रणनीति के केंद्र में रखेगी और भाजपा को सामाजिक न्याय के मोर्चे पर घेरने की तैयारी में है।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस इस विषय पर जल्द ही एक राष्ट्रव्यापी ‘संविधान बचाओ, समानता लाओ’ यात्रा या आंदोलन की घोषणा भी कर सकती है।