जांजगीर-चांपा जिले के सरकारी अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। रविवार देर रात करीब 3 बजे अस्पताल के रिकॉर्ड रूम में अचानक आग लग गई, जिससे अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। घटना के वक्त अधिकांश कर्मचारी सो रहे थे, लेकिन कमरे से उठता काला धुआं देखकर कुछ स्टाफ अलर्ट हुए और तुरंत अधिकारियों को सूचना दी गई।
घटना का विवरण:
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि देखते ही देखते पूरा रिकॉर्ड रूम धुएं और आग की चपेट में आ गया। कमरे में रखे कई जरूरी दस्तावेज, मरीजों का डेटा और सरकारी फाइलें जलकर राख हो गईं। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए तत्काल फायर ब्रिगेड को बुलाया गया, जिन्होंने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया:
अस्पताल प्रबंधन ने फिलहाल आग लगने के कारणों की पुष्टि नहीं की है, लेकिन शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है। अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि घटना की जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित की जा रही है, जो यह पता लगाएगी कि आग किस कारण लगी और कितने दस्तावेज नष्ट हुए हैं।
लापरवाही पर उठे सवाल:
इस घटना ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिकॉर्ड रूम जैसे महत्वपूर्ण स्थान में फायर सेफ्टी के इंतजामों की कमी और निगरानी के अभाव से यह हादसा और गंभीर हो सकता था। कई सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने इस घटना पर नाराजगी जताई है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
जांच और आगे की कार्रवाई:
स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और अस्पताल प्रशासन से सभी संबंधित दस्तावेजों और कर्मचारियों की जानकारी मांगी है। साथ ही दमकल विभाग भी अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहा है कि आगजनी में कोई साजिश तो नहीं थी।
इस घटना ने एक बार फिर सरकारी संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस लापरवाही के खिलाफ क्या ठोस कदम उठाता है।