May 20, 2025
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छत्तीसगढ़: मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर महिला स्वास्थ्य अधिकारी ने की आत्महत्या, विभागीय अफसरों पर गंभीर आरोप

खैरागढ़ | छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले से स्वास्थ्य व्यवस्था की संवेदनहीनता को उजागर करने वाली एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। छुईखदान के जंगलपुर स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर में पदस्थ महिला स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) आरती यादव ने विभागीय अधिकारियों की कथित मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली।

आरती ने 15 मई को दुर्ग जिले के धनोरा स्थित अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। इस घटना से पूरा क्षेत्र स्तब्ध है और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।

पति की मौत के बाद भी नहीं मिली छुट्टी

जानकारी के अनुसार, आरती यादव संविदा नियुक्ति पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर कार्यरत थीं। एक माह पूर्व सड़क दुर्घटना में उनके पति का निधन हो गया था, जिससे वह गहरे मानसिक आघात में थीं। उन्होंने कुछ समय के लिए अवकाश की मांग की थी, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने उनकी गुहार को अनसुना कर दिया

आरती के स्वास्थ्य केंद्र नहीं जाने पर, उनकी अनुपस्थिति को लेकर शासन-प्रशासन से शिकायत की गई। इसके बाद सीएमएचओ कार्यालय से उन्हें तत्काल कार्य में उपस्थित होने का आदेश मिला। न केवल वेतन में कटौती की चेतावनी दी गई, बल्कि उनकी गोपनीय चरित्रावली (CR) भी खराब करने की धमकी दी गई थी।

संगठन ने विभागीय अफसरों को ठहराया जिम्मेदार

छत्तीसगढ़ प्रदेश सामुदायिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ ने इस घटना के लिए विभागीय अधिकारियों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। संगठन का कहना है कि आरती को लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जिसके कारण उसने यह घातक कदम उठाया। संगठन ने यह भी खुलासा किया कि अब तक प्रदेशभर में 26 महिला स्वास्थ्य अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा प्रताड़ना के केस दर्ज कराए जा चुके हैं।

क्या बोले परिजन और ग्रामीण

आरती के परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने भी स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही और अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया है। वे मांग कर रहे हैं कि इस मामले में दोषी अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और संविदा कर्मचारियों के लिए मानवीय नीति बनाई जाए।

मांगें और विरोध की तैयारी

स्वास्थ्य प्रकोष्ठ ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार से तत्काल जांच की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा

निष्कर्ष

आरती यादव की आत्महत्या की यह घटना छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य प्रणाली में संवेदनशीलता की कमी को दर्शाती है। यह केवल एक व्यक्ति की त्रासदी नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक विफलता है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अब यह देखना होगा कि सरकार इस पर कितनी गंभीरता से संज्ञान लेती है और क्या वाकई दोषियों पर कार्रवाई होती है, या यह भी एक और मामला बनकर फाइलों में दफन हो जाएगा।