अमलीपदर (छत्तीसगढ़)।
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत एक बार फिर शर्मसार करने वाली तस्वीर के रूप में सामने आई है। जिले के अमलीपदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो दिन पहले एक गर्भवती महिला का प्रसव डॉक्टरों और स्टाफ ने मोबाइल फोन की रोशनी में कराया। यह तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, दाबरीगुड़ा गांव से आई एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन तत्काल अमलीपदर अस्पताल लेकर पहुंचे थे। लेकिन अस्पताल में बिजली नहीं थी और न ही कोई बैकअप की व्यवस्था। ऐसे में मजबूर होकर डॉक्टरों और नर्सों ने मोबाइल की टॉर्च जलाकर डिलीवरी करवाई। गनीमत रही कि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं, लेकिन इस घटना ने स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली को उजागर कर दिया है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि अमलीपदर अस्पताल में अक्सर बिजली कटौती होती है और जनरेटर या इनवर्टर जैसी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। कई बार मरीजों को गंभीर हालात में बाहर रेफर करना पड़ता है।
घटना के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने मामले की जांच कराने की बात कही है और जल्द ही अस्पताल की मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने का आश्वासन दिया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल अमलीपदर की कहानी नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ के कई ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्र आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं।