April 24, 2025
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CGPSC Scam: पूर्व अध्यक्ष सोनवानी और कारोबारी गोयल की मुश्किलें बढ़ी, कोर्ट ने किया 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा जेल

रायपुर: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और कारोबारी श्रवण गोयल की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। दोनों को शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। इसके साथ ही दोनों आरोपी 7 दिसंबर 2024 तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे।

क्या है आरोप?

सीबीआई के अनुसार, आरोप है कि श्रवण गोयल ने अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए टामन सिंह सोनवानी के करीबी एक एनजीओ को 45 लाख रुपये दिए। यह एनजीओ सीएसआर फंड से संचालित हो रहा था, और उसकी चेयरपर्सन सोनवानी की पत्नी थी। ये पैसे दो बार में 20 लाख और 25 लाख की किस्तों में दिए गए थे, ताकि उनके रिश्तेदारों का चयन सरकारी नौकरी के लिए हो सके।

सोनवानी के खिलाफ गंभीर आरोप

सीबीआई के मुताबिक, सोनवानी के कार्यकाल के दौरान CGPSC में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं। आरोप है कि उन्होंने कांग्रेसी नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के रिश्तेदारों को विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति दिलवाने के लिए घूस ली। जांच में यह भी पाया गया कि सोनवानी ने अपने परिवार के कई रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे प्रतिष्ठित पदों पर नियुक्त करने के लिए पैसे का लेन-देन किया। जांच एजेंसियों के पास इस मामले में पुख्ता सबूत मिले हैं।

सीबीआई की कार्रवाई

सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ गंभीर आरोपों के मद्देनजर जांच शुरू की थी। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उनके द्वारा दिए गए पैसे ने सरकारी भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित किया। इसमें तत्कालीन सोनवानी के कार्यकाल में हुई भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं। अब सीबीआई इस मामले में अधिकारी और राजनीतिक संपर्कों की भी जांच कर रही है, जिनकी मदद से इन घोटालों को अंजाम दिया गया।

विवाद की शुरुआत और अन्य गिरफ्तारियां

यह विवाद CGPSC 2019-2022 की भर्ती को लेकर शुरू हुआ था। ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप में मामला दर्ज किया था। इनमें से कई मामलों को लेकर जांच की गई, खासकर 2020 और 2021 में आयोजित भर्ती प्रक्रियाओं में हुई गड़बड़ियों को लेकर आरोप लगाए गए हैं। इसमें 175 और 171 पदों पर हुई भर्ती में गड़बड़ी की बात सामने आई है। आरोप है कि इन भर्तियों में कांग्रेसी नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के परिवारों के लोगों को अवैध रूप से नौकरी दिलवाने के लिए पैसे का लेन-देन किया गया।

सीबीआई की आगामी कार्रवाई

सीबीआई ने अब तक सोनवानी और गोयल को गिरफ्तार किया है, लेकिन जांच में कुछ और अधिकारियों और राजनेताओं की संलिप्तता की संभावना जताई जा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी और पूछताछ से यह स्पष्ट हो गया है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में हुए इस घोटाले में कई महत्वपूर्ण सरकारी और राजनीतिक संपर्कों का हाथ था। जांच एजेंसियां अब और अधिकारियों को भी गिरफ्तार कर सकती हैं और इस पूरे घोटाले का पर्दाफाश करने की कोशिश कर रही हैं।

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