बीजापुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई के तहत, बीजापुर में कोरागुट्टा में एक नया सुरक्षा बलों का कैंप खोला गया है। यह कैंप माओवादियों के पीएलजीए बटालियन नंबर 1 के कोर क्षेत्र में स्थापित किया गया है, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस की 151 वाहिनी और 204 कोबरा शामिल हैं।
नए साल पर 25 साल से बंद सड़क का उद्घाटन
31 दिसंबर को कोरागुट्टा में नए सुरक्षा कैंप की स्थापना के साथ ही, नए साल के पहले दिन बीजापुर-तर्रेम-कोण्डापल्ली- पामेड़ मार्ग में आवागमन भी बहाल हो गया। यह मार्ग 25 वर्षों से बंद था, और अब इसके खुलने से स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिली है।
मार्च 2026 की तैयारी
छत्तीसगढ़ सरकार की नियद नेल्लानार योजना के तहत इस कैंप की स्थापना की गई है। नए सुरक्षा कैंप के साथ, माओवादियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई में मदद मिलेगी और क्षेत्र के आदिवासी ग्रामीणों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ
नए कैंप के उद्घाटन के साथ, केंद्रीय रिजर्व पुलिस की मेडिकल यूनिट ने भी एक मेडिकल कैंप आयोजित किया, जिसमें ग्रामीणों का स्वास्थ्य चेकअप किया गया और उन्हें मुफ्त दवाइयां वितरित की गईं। कोरागुट्टा में नए सुरक्षा कैंप के खुलने से स्थानीय लोग उत्साहित हैं और इसे विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं।
यात्रा में कमी
पहले, बीजापुर से पामेड़ जाने के लिए लोगों को तेलंगाना के चेरला से होकर लगभग 210 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। लेकिन अब बीजापुर-तर्रेम-कोंडापल्ली- पामेड़ मार्ग खुलने से यह दूरी लगभग 100 किलोमीटर कम हो गई है, जिससे यात्रा करना आसान हो गया है।
नक्सल उन्मूलन और विकास कार्यों में तेजी
इस कैंप की स्थापना के पीछे छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा नक्सल उन्मूलन और विकास कार्यों को गति देना है। पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस के उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में यह कदम उठाया गया है, जिससे क्षेत्र में शांति और विकास की उम्मीदें बढ़ी हैं।