छत्तीसगढ़ में CFLMT समिति का गठन: लोक कलाकारों और फिल्म उद्योग के लिए ऐतिहासिक कदम!

रायपुर: छत्तीसगढ़ फिल्म लोककला एवं मिनी थिएटर सहकारी समिति (CFLMT) का प्रदेश स्तर पर गठन किया गया है। समिति के संस्थापक और प्रदेश अध्यक्ष श्री अमित परगनिहा ने छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों, बोली भाषाओं और फिल्म उद्योग के विकास के लिए इस समिति की शुरुआत की है।

समिति का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के 40,000 से अधिक लोक कलाकारों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना और फिल्म उद्योग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देना है। अगले 3 वर्षों में, ब्लॉक स्तर और छोटे कस्बों में लगभग 25 मिनी थिएटर का निर्माण किया जाएगा, जिसका संचालन लोक कलाकारों द्वारा किया जाएगा और लाभ का वितरण भी उन्हें होगा।

इसके अलावा, समिति युवा सदस्यों को फिल्म मेकिंग, VFX, एडिटिंग जैसी एडवांस फिल्म टेक्नोलॉजी की निशुल्क ट्रेनिंग भी बड़े इंस्टीट्यूट में दिलवाएगी। बस्तर क्षेत्र के युवाओं को छत्तीसगढ़ी, हल्बी, गोंडी भाषा में फिल्म बनाने के लिए तकनीकी सहायता और प्रचार-प्रसार की सुविधा भी दी जाएगी।

समिति हर साल छत्तीसगढ़ में इंटरनेशनल ट्राइबल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन करेगी और लोक कलाकारों को कम दर पर ऋण सुविधा, व्यक्तिगत और स्वास्थ्य बीमा जैसी सुविधाएं भी प्रदान करेगी। यह कदम क्षेत्रीय बोली भाषा के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ आर्थिक उन्नति में भी मददगार साबित होगा।

समिति का महत्व और भविष्य की योजनाएं

CFLMT समिति का गठन छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक और फिल्म उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह न केवल लोक कलाकारों को एक मंच प्रदान करेगा, बल्कि क्षेत्रीय भाषाओं और संस्कृति को भी बढ़ावा देगा। समिति की योजनाओं के तहत, कलाकारों को अपने हुनर को निखारने और उसे पेश करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे अपनी पहचान बना सकेंगे।

इस समिति के माध्यम से, छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों को न केवल आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि उन्हें अपने काम को पेश करने के लिए एक सशक्त मंच भी प्राप्त होगा। यह कदम निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और उसे आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।

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