छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक भालू के साथ हुई अमानवीय क्रूरता पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। वायरल वीडियो को देखते हुए कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (PCCF) से शपथपत्र (एफिडेविट) मांगा है और वन विभाग को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
वीडियो वायरल, स्थान की पुष्टि किस्टाराम में
शुरुआत में यह घटना सुकमा के केरलापाल गांव की बताई जा रही थी, लेकिन जांच में सामने आया कि यह किस्टाराम थाना क्षेत्र के पुट्ठेपाड़ इलाके की है। करीब 2 मिनट 20 सेकंड के वीडियो में दिखा कि कुछ युवक भालू को लाठियों से पीटते हैं, उसका मुंह और पंजे तोड़ते हैं और उसे तड़पाकर मार डालते हैं। वीडियो में महिलाएं और बच्चे भी घटनास्थल पर मौजूद थे, और कुछ ग्रामीणों को हंसते हुए देखा गया।
72 घंटे में दो आरोपी गिरफ्तार
वीडियो सामने आने के बाद वन विभाग और वाइल्डलाइफ टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों – वंडो भीमा (20) और चंडो देवा (40) – को 72 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने अपराध कबूल करते हुए बताया कि उन्होंने कुछ महीने पहले भालू को मारा था। इनके खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत कार्रवाई की जा रही है।
हाईकोर्ट के निर्देश: दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई
हाईकोर्ट ने इसे केवल वन्यजीवों के प्रति अमानवीयता नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल बताते हुए कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने विस्तृत जांच रिपोर्ट पेश करने और सभी जिम्मेदारों की पहचान कर उन पर उचित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।