पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। कोर्ट ने जमानत देते हुए टुटेजा पर सख्त शर्तें भी लगाई हैं। टुटेजा को 21 अप्रैल 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था, और इस समय उनकी जमानत याचिका उच्च न्यायालय से खारिज हो चुकी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने उनकी लंबी जेल अवधि को देखते हुए जमानत दी है, लेकिन इसके साथ ही टुटेजा को पासपोर्ट जमा करने और सुनवाई के दौरान न्यायालय के साथ सहयोग करने की शर्तें लगाई गई हैं। ईडी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि टुटेजा गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और नागरिक पूर्ति निगम घोटाले में भी शामिल हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपों को नकारते हुए जमानत मंजूर कर दी।
शराब घोटाला क्या है?
शराब घोटाला छत्तीसगढ़ में हुए एक बड़े भ्रष्टाचार का मामला है। 2017 में आबकारी नीति में बदलाव किया गया, जिसके तहत CSMCL के माध्यम से शराब बेचने की व्यवस्था की गई। 2019 के बाद, अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का एमडी नियुक्त किया और इस दौरान अधिकारियों, कारोबारियों और राजनीतिक व्यक्तियों के एक सिंडिकेट ने भ्रष्टाचार किया। आयकर विभाग और ईडी की जांच में इस घोटाले का आंकलन 2161 करोड़ रुपये का किया गया है।
ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दायर की थी और इसमें टुटेजा सहित अन्य प्रमुख व्यक्तियों का नाम लिया गया था।