रायपुर – छत्तीसगढ़ के शैक्षणिक जगत में हलचल मचाने वाला एक बड़ा फैसला रायपुर हाईकोर्ट ने सुनाया है। अदालत ने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में प्रभारी कुलसचिव शैलेन्द्र पटेल की नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया है।
कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि शैलेन्द्र पटेल इस पद के लिए निर्धारित शैक्षणिक एवं प्रशासनिक योग्यता को पूरा नहीं करते हैं, और इस आधार पर उनकी नियुक्ति को नियमों के खिलाफ बताया गया है।
कोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में लिखा:
“प्रभारी कुलसचिव पद पर नियुक्ति के लिए आवश्यक न्यूनतम योग्यता का पालन नहीं किया गया है। पद की गरिमा और कार्यप्रणाली को देखते हुए यह आवश्यक है कि नियुक्त व्यक्ति सभी मापदंडों को पूरा करता हो। इसलिए यह नियुक्ति विधिसम्मत नहीं मानी जा सकती।”
इसके साथ ही, शैलेन्द्र पटेल द्वारा दाखिल याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि नियम विरुद्ध नियुक्ति किसी भी रूप में वैध नहीं मानी जा सकती।
मामला क्या था?
शैलेन्द्र पटेल को पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलसचिव के पद पर नियुक्त किया गया था। इस नियुक्ति को एक याचिकाकर्ता द्वारा चुनौती दी गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि पटेल इस पद के लिए निर्धारित योग्यता नहीं रखते हैं।
मामला कोर्ट में आने के बाद विस्तृत सुनवाई हुई और अंततः न्यायालय ने याचिकाकर्ता के पक्ष में निर्णय देते हुए नियुक्ति रद्द कर दी।
विश्वविद्यालय प्रशासन पर उठे सवालइस फैसले के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रक्रिया और पारदर्शिता पर भी सवाल उठने लगे हैं। शैक्षणिक हलकों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर इतनी अहम जिम्मेदारी वाले पद पर नियुक्ति में योग्यता की अनदेखी कैसे की गई।
अब आगे क्या?
फैसले के बाद विश्वविद्यालय को अब नई नियुक्ति प्रक्रिया अपनानी होगी और योग्य उम्मीदवार की नियुक्ति करनी होगी। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि क्या शैलेन्द्र पटेल इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करते हैं या नहीं।
निष्कर्ष:
यह मामला शिक्षा संस्थानों में योग्यता और नियमों के पालन की अहमियत को रेखांकित करता है। हाईकोर्ट के इस फैसले से यह संदेश गया है कि संस्थागत जिम्मेदारियों में कोई भी समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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