CG Box News Blog Chhattisgarh बस्तर के जंगलों में इमली तोड़ने की रौनक, आदिवासियों की उम्मीदों की फसल
Chhattisgarh

बस्तर के जंगलों में इमली तोड़ने की रौनक, आदिवासियों की उम्मीदों की फसल

जगदलपुर। बस्तर के घने जंगलों में मार्च का महीना एक खास अहसास लेकर आता है। न गर्मी की तपिश होती है, न सर्दी की ठंडक — लेकिन इस मौसम में जंगलों की छांव के नीचे एक अलग ही हलचल शुरू हो जाती है। छोटे-छोटे टोकरों और बोरियों के साथ गांवों के बच्चे, महिलाएं और बुज़ुर्ग जंगल की ओर निकल पड़ते हैं।

यह समय होता है इमली की फसल का। कोई पेड़ों पर चढ़कर इमली तोड़ता है, तो कोई नीचे बैठकर उसे छांटता है। खट्टी-मीठी इमली सिर्फ स्वाद की चीज नहीं है, बल्कि सैकड़ों आदिवासी परिवारों की सालाना आजीविका का स्रोत भी है।

इमली को तोड़कर गांव वाले उसे बाजार या वन विभाग के माध्यम से बेचते हैं, जिससे उन्हें सालभर के खर्च के लिए आय मिलती है। राज्य सरकार भी अब इस पर विशेष ध्यान दे रही है और समर्थन मूल्य के ज़रिए आदिवासियों को बेहतर दाम दिलाने की कोशिश कर रही है।

बस्तर की इमली न सिर्फ जंगल की सौगात है, बल्कि यहां के लोगों के लिए आशा, आत्मनिर्भरता और परंपरा का प्रतीक भी है।

4o

Exit mobile version