CG Box News Blog Badi Khabar जशपुर के चराईडाँड़ में “तिरंगा यात्रा” के जरिए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बढ़ाया जवानों का मनोबलढोल-मांदर की थाप और देशभक्ति के सुरों में डूबा जशपुर, हजारों लोग हुए शामिल
Badi Khabar Breaking news

जशपुर के चराईडाँड़ में “तिरंगा यात्रा” के जरिए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बढ़ाया जवानों का मनोबलढोल-मांदर की थाप और देशभक्ति के सुरों में डूबा जशपुर, हजारों लोग हुए शामिल

जशपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शनिवार को जशपुर जिले के चराईडाँड़ में आयोजित “तिरंगा यात्रा” में भाग लेकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का जश्न मनाया और भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता को नमन किया। यह यात्रा देशभक्ति के रंग में पूरी तरह रंगी हुई थी, जिसमें हजारों नागरिकों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।

मुख्यमंत्री साय ढोल-मांदर की थाप पर गूंजते देशभक्ति गीतों के बीच जनसैलाब के साथ कदम से कदम मिलाकर चले। उन्होंने इस आयोजन को भारतीय सेना के अदम्य साहस और देश के प्रति उनके समर्पण को समर्पित बताया। इस मौके पर उपस्थित लोगों में भारी जोश और गर्व का माहौल देखने को मिला।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का सम्मान

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर छत्तीसगढ़ और देश के लिए गर्व का विषय है। इस अभियान ने यह साबित कर दिया कि हमारे सुरक्षाबल किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता उन वीर जवानों को समर्पित है, जिन्होंने नक्सलवाद जैसे खतरे से निपटते हुए देश की सुरक्षा की।

जनभागीदारी और उत्साह

इस ‘तिरंगा यात्रा’ में स्थानीय ग्रामीणों, युवाओं, महिलाओं और स्कूली बच्चों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। यात्रा के दौरान हाथों में तिरंगा लिए लोगों ने देशभक्ति नारों के साथ वातावरण को राष्ट्रभक्ति से भर दिया। कार्यक्रम में लोक कलाकारों ने भी पारंपरिक नृत्य और गीतों से समां बांधा।

संदेश: देश के लिए एकजुटता

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में कहा,

“यह तिरंगा न केवल हमारी आज़ादी का प्रतीक है, बल्कि हमारे गर्व, हमारी एकता और हमारे आत्मबल का प्रतिनिधित्व करता है। देश की सेवा में लगे हर जवान को हम नमन करते हैं।”

निष्कर्ष

जशपुर की धरती से उठी यह ‘तिरंगा यात्रा’ केवल उत्सव नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा, एकता और वीरता का प्रतीक बन गई। यह आयोजन न केवल भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति सम्मान का प्रदर्शन था, बल्कि जनता को यह संदेश भी कि देश के लिए एकजुट होकर खड़ा होना हर नागरिक का कर्तव्य है।

Exit mobile version