April 24, 2025
Bunglow no-18, Aishwarya Residency, Near VIP Chowk, Raipur, Chhattisgarh, 492001
Uncategorized

छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लेखक विनोद कुमार शुक्ल को मिलेगा 58वां ज्ञानपीठ पुरस्कार

नई दिल्ली में आज घोषणा की गई है कि हिंदी के जाने-माने कवि और लेखक विनोद कुमार शुक्ल को इस साल का ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जाएगा। ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत के साहित्य जगत का सर्वोच्च सम्मान है।

छत्तीसगढ़ के विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को राजनांदगांव में हुआ था। वे वर्तमान में रायपुर में रहते हैं। वे पिछले 50 वर्षों से हिंदी साहित्य में सक्रिय हैं। उनका पहला कविता संग्रह “लगभग जयहिंद” (1971) में प्रकाशित हुआ था, जिसके बाद उनकी रचनाओं ने हिंदी साहित्य में एक विशिष्ट स्थान बना लिया। विनोद कुमार शुक्ल ने कविता, उपन्यास, कहानी और बाल साहित्य में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

विनोद कुमार शुक्ल की महत्वपूर्ण कृतियाँ
उनके चर्चित उपन्यासों में—
✅ “नौकर की कमीज”
✅ “खिलेगा तो देखेंगे”
✅ “दीवार में एक खिड़की रहती थी” (साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित)

इसके अलावा, उनकी प्रसिद्ध कहानियों के संग्रह—
📖 “पेड़ पर कमरा”
📖 “महाविद्यालय”

बाल साहित्य में भी उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनकी चर्चित किताबें—
👦 “हरे पत्ते के रंग की पतरंगी”
👦 “कहीं खो गया नाम का लड़का”, जिन्हें बच्चों ने खूब पसंद किया।

पुरस्कार और सम्मान
विनोद कुमार शुक्ल को अब तक कई प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं, जिनमें शामिल हैं—
🏅 गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप
🏅 रजा पुरस्कार
🏅 साहित्य अकादमी पुरस्कार
🏅 मातृभूमि बुक ऑफ द ईयर अवार्ड
🏅 पेन अमेरिका नाबोकॉव अवार्ड – यह सम्मान पाने वाले वे एशिया के पहले लेखक हैं।

उनके चर्चित उपन्यास “नौकर की कमीज” पर प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक मणि कौल ने एक फिल्म भी बनाई थी, जिसे काफी सराहा गया। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद, विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य के उन गिने-चुने लेखकों में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने अपनी लेखनी से भाषा को एक नई दिशा दी है।