चेन्नई: चक्रवाती तूफान ‘फेंगल’ शनिवार को पुडुचेरी के पास पहुंचने की संभावना है, और इसके प्रभाव से उत्तरी तमिलनाडु के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। शुक्रवार रात से शुरू हुई रुक-रुक कर बारिश ने चेन्नई और उसके आसपास के इलाकों में जलभराव और पेड़ उखड़ने की घटनाओं को जन्म दिया है। खासतौर पर उपनगरीय इलाके क्रोमपेट में सरकारी अस्पताल परिसर और कई अन्य स्थानों पर जलभराव हो गया है।
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने की स्थिति की समीक्षा
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने राज्य आपातकालीन केंद्र में अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि सभी एहतियाती कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं, और उन क्षेत्रों में शिविर स्थापित किए गए हैं जहां ज्यादा नुकसान होने की आशंका है। इसके अलावा, लोगों को राहत सामग्री भी वितरित की जा रही है।
चेन्नई एयरपोर्ट का संचालन निलंबित
चेन्नई एयरपोर्ट पर खराब मौसम के कारण सुरक्षा कारणों से आज दोपहर 12:30 बजे से शाम 7:00 बजे तक उड़ान संचालन निलंबित कर दिया गया है। इस दौरान, यात्रियों को संबंधित एयरलाइंस से संपर्क करने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही, पुलिस ने मरीना और मामल्लपुरम जैसे समुद्र तटों तक पहुंच को रोकने के लिए अवरोधक लगाए हैं, क्योंकि समुद्र में लहरें बहुत तेज हैं।
रेलवे और मेट्रो सेवाएं प्रभावित
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि चेन्नई मंडल के उपनगरीय खंडों में ट्रेन सेवाएं कम आवृत्ति के साथ संचालित हो रही हैं। हालांकि, एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में देरी हो सकती है। चेन्नई मेट्रो रेल ने कहा कि उनकी सेवाएं सुचारू रूप से चल रही हैं, लेकिन कुछ स्टेशनों पर पानी भरने की आशंका जताई गई है।
बिजली आपूर्ति सामान्य, शैक्षिक संस्थानों में छुट्टी
चक्रवाती तूफान के असर से बिजली आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई है और अधिकतर क्षेत्रों में सामान्य बिजली आपूर्ति जारी है। सरकार ने पहले ही 30 नवंबर को शैक्षिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित कर दिया है, और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों से अनुरोध किया है कि वे अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दें।
जलभराव और सुरक्षा के प्रयास जारी
ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन (GCC) के अधिकारियों ने कहा कि जलभराव से निपटने के लिए 22,000 कर्मचारियों की टीम जुटी हुई है, और 1,686 पंपों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा, तूफान के कारण गिरे पेड़ों को हटाया जा रहा है और यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियां युद्धस्तर पर राहत कार्यों में जुटी हुई हैं और प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों को तेजी से अंजाम दिया जा रहा है।